दो बहनों की गालियों वाली चूत चुदाई

दोस्तो, Sexy Kahani पर यह मेरी पहली कहानी है, उम्मीद है कि आप सबको पसंद आएगी और सभी दोस्तों के लण्ड खड़े होंगे और चूतों का पानी निकलेगा !

मेरी उम्र 25 साल की है और मैं एक कंपनी में काम करता हूँ। वहाँ एक लड़की, जिसका नाम था ऋतू, भी काम करती थी, ऋतू मुझ से घुल मिल गई थी और हम लंच एक साथ ही करते थे।

एक दिन हमारी कंपनी की तरफ से हम सभी स्टाफ को डिनर पार्टी दी गई थी, उस पार्टी में सभी मस्ती में डांस कर रहे थे, मैं और एक ऋतू डांस कर रहे थे और वो डांस में इतनी डूब गई थी कि उसको पता ही नहीं चला कब उसके मम्मे दिखने शुरू हो गए। मैंने उसके मम्मों को पकड़ा और दबा दिया, वो सीत्कार कर उठी। तब वो और मस्ती से मेरे करीब होकर नाचने लगी।

मैंने उसे कहा- अगर तुम कहो तो रात को यहीं पास में होटल में रुक जाते हैं, इतनी रात को तुम घर मत जाना !

तो वो बोली- हाँ मैं रुक तो जाती परन्तु मैं अकेली हूँ, इसलिए मुझे जाना ही होगा।

तो मैंने कहा- अगर ऐसा महसूस करती हो तो अपने साथ कंचन को भी रोक लो।

कंचन भी हमारी कंपनी में ही है, देखने में सुन्दर है और वो बहुत एक्टिव लड़की है, हर काम बहुत फुर्ती से करती है और सेक्सी भी बहुत है।

हमने साथ वाले होटल में एक कमरा लिया और तीनों वहीं रुक गए, उन्होंने अपने घर फ़ोन कर दिया था। अपने मन में मैं उनको चोदने की तरकीब सोच रहा था कि तभी ऋतू ने कहा- क्या बात है, आप सो नहीं रहे हो?

मैंने कहा- तुम कुछ लोगी, मुझे तो चाय पीने का मूड है !

तो कंचन ने कहा- हाँ, मैं भी चाय पीऊँगी।

तो ऋतू ने कहा- मेरे लिए भी मंगवा लो !

मैंने तभी इन्टरकॉम पर तीन चाय का आर्डर दिया, उसके बाद हम तीनों बातें करने लगे। बातें करते करते हमें पता ही न चला कि कब हम नॉनवेज चुटकलों तक पहुँच गए थे, मैं उन्हें अश्लील चुटकले सुनाता तो वो दोनों खुश हो जाती।

हम चाय के साथ साथ सेक्सी चुटकलों को मज़ा ले रहे थे। तभी मैंने ऋतू के होंठों पर किस कर दी। वो पहले से ही इस मस्त थी इस लिए उसने कोई विरोध नहीं किया और मेरे मुँह में मुँह डाल कर चूसने लगी। हमारी चूमाचाटी को देख कर कंचन भी उत्तेजित होने लगी और कंचन ने ऋतू को कहा- साली, बस यही करवाओगी क्या?

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मैं उसके मुँह से निकली गाली सुन कर हैरान था, तभी ऋतू बोली- अरे, आज इसने हमें गर्म कर दिया है, तो राण्ड बन कर चुदाई तो करवाएँगी ही, तुम बताओ मेरा साथ दोगी? इसका तो आज दोनों बहनें एक साथ चूसेंगी।

तभी कंचन ने एक और गाली देते हुए कहा- साली कुतिया, पहले नंगी हो जा, फिर चुसवा अपने मम्मे !

उसकी इतनी बात सुन कर मैंने उसे कहा- अरी साली राण्ड, तू इतनी गालियाँ क्यों बक रही है?

तभी ऋतू बोल पड़ी- हम दोनों एक साथ मस्ती कर लेती हैं, परन्तु हमने अभी तक किसी से चुदाई तो नहीं की है, पर हमें एक दूसरी को गालियाँ देना और सुनना अच्छा लगता है, इसमें मज़ा आता है, और हम दोनों आपस में एक दूसरी के मम्मों को चूस कर मज़ा लेती हैं, अगर तुम हम दोनों को एक साथ गालियाँ देते हुए चोदो तो हमें बहुत मज़ा आएगा।

इतना सुनते ही मुझे जोश आ गया, चुदाई का जुनून सर चढ़ कर बोल रहा था, मैंने कहा- साली रण्डियो, तुमने मुझे पहले क्यों नहीं बताया कि तुम्हें लण्ड चूत की गालियाँ पसंद हैं, मैं तुम्हारी कायदे से चुदाई करता, खैर अब मुझे ये बता दो कि तुम्हें हर तरह की गालियाँ चाहिएँ या कुछ अलग सी?

इस बात पर कंचन बोली- मुझे तो साली बन कर चुदना अच्छा लगता है जीजू से ! और हाँ, गालियाँ मुझे हर तरह की देना ताकि मेरी चूत चुदते वक्त पानी की फुहारें छोड़ दे !

मैं- साली रांड, कुतिया बना कर चोदूँगा तुझे !

कंचन- अरे, वो तो देख लेंगे, पहले इसे तो कुतिया बनाओ, और अपना लण्ड मेर मुँह में दो !

मैं- साली चुदक्कड़ ! तेरी गांड तक फट जाएगी मेरे लौड़े से ! और मादरचोदी, तेरे चूतड़ तो बहुत सेक्सी हैं।

कंचन- वो तो तुम्हारा लण्डवा भी सेक्सी है परन्तु पहले इस साली बहन की लौड़ी को पूरी नंगी तो कर लो जीजू !

ऋतू- अरे जीजू, हम दोनों आपकी सालियाँ हैं, हमें ऐसे छोड़ो कि हमारी बहन चुद जाए !

मैं- साली बहनचोद रंडियो, तुम्हारी बहन तो क्या, माँ- भाभी चाची सब चुद जायेगी मेरे लण्ड से ! अभी करता हूँ तुम्हें नंगी सालियो !

कंचन- हाँ जीजू, ये लो उतारो मेरी ब्रा ! मैं आपके सामने हाजिर हूँ चुदने के लिए !

ऋतू- साली कुतिया ! पहले मुझे चुदना है, लेकर मैं आई हूँ यहाँ ! और चुदेगी तू पहले?

मैं- कोई बात नहीं, मैं दोनों को एक साथ चोदूँगा मेरी राण्ड सालियो !

कंचन- जीजू मुझे गालियाँ तो दो और इस साली कुतिया की माँ चोद दो !

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मैं- साली, माँ की लोड़ी, तेरी गांड मारूँ या चूत रांड की बच्ची ! पहले अपनी फुद्दी तो नंगी कर ले पूरी तरह !

कंचन- अह अह जीजू ! आप बहुत सेक्सी गालियाँ देते हो ! और दो ! मेरी फाड़ो ! और मेरी बजा दो चूत और गांड दोनों !

मैं- साली दोनों रण्डियों की चुदाई तो आज होकर ही रहेगी !

अब तक हम तीनों अल्फ नंगे हो गए थे, तभी ऋतू ने अपने चुच्चों को रगड़ना शुरू कर दिया, इसे देख कर कंचन बोली- कमीनी, साली कुतिया ! अब मर्द के सामने भी तू अपने मम्मों को खुद ही रगड़ेगी?

मैं- साली बहनचोद, ला मैं चूसता हूँ तेरे मोम्मों को !

तभी मैंने उसका एक स्तन अपने मुँह में ले लिया और दूसरा उरोज कंचन ने अपने मुँह में ले लिया, अब उसके दोनों मम्में चूसे जा रहे थे।

कंचन- जीजू, कैसे लगे मेरी बहन के मम्मे? यह कहानी आप अन्त र्वासना डॉट कॉम पर पढ़ रहे हैं।

मैं- साली, तेरी बहन तो बहुत सेक्सी है ! इसे तो दो दो लंडों से चोदना चाहिये ! रांड तू भी चुद इसके साथ ! तेरी बहन की गांड मारूँ ! सालियों तुम्हारी तो आज चूतों के साथ साथ गाण्डें भी बजेंगी।

तभी ऋतू ने मेरा लिंग अपने मुँह में ले लिया और कंचन के मम्मे मेरे हाथों में आ गए।

ऋतू मेरा लण्ड चूसे जा रही थी, तभी कंचन के मम्मों को मैंने चूसना चालू कर दिया और अब हम तीनों मस्त होते जा रहे थे। अब शुरू हुई हमारी गालियों भरी गलबात जो इस तरह है, इसमें आप खुद ही अंदाजा लगा लना कि हमने कैसे किया होगा, मैं यहाँ सिर्फ हमारी गलबात का जिकर ही करूँगा:

कंचन- आह…सी… आ…ह… जीजू मेर मम्मों को चूस लो, निकाल दो मेरा जूस, मेरा दूध !

मैं- ला साली भोंसड़ी की रांड, ला तेरी बहन को चोदूँ, साली कुतिया यह देख तेरी बहन कैसे मेरा लण्ड चूस रही है।

कंचन- हाँ जीजू, बहुत मस्त है मेरी बहन ! आप इसकी चूत भी बजाओगे, मुझे इसे चुदते देख कर बहुत मज़ा आएगा ! साली मादरचोद रांड बना कर चोदना इसे !

मैं- हाँ साली मादरचोद बोल ! तुझे क्या बोलूँ जिससे तेरी चूत पानी पानी हो जाए?

कंचन- मुझ मस्त कर मुझे जितनी गालियाँ दे सको, दो ! और मेरी फ़ुद्दी को चोद चोद कर चिथड़े उड़ा दो इसके और गाण्ड फाड़ दो जीजू, मेरी बहन चोदो !

ऋतू- साली, मादरचोद, मुझे लण्ड पीने में लगा कर तू चुदना चाहती है, मैं चुदुँगी पहले ! साली, तू खा लण्ड ! और मै चुसवाती हूँ अपनी चूत जीजू से ! जीजू चूसो मेरी चूत ! कुतिया की तरह हम बना दो आज रण्डियाँ ! दोनों बहनों को एक साथ चोदो आज।

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मैं- सालियों, मुझे पहले पता होता तो तुम्हारे लिए यहाँ चार चार लोड़े चाहिए थे, राण्डों की औलाद, चुदो, मैं चूसता हूँ तेरी चूत को !

ऋतू- हा.. आहा.. अ…ह अह… आहा.. हा… सी…सी…सी…ऐसे ही मेरे राजा ऐसे ही चूसो ! और चूसो… अह्ह…

कंचन- हाँ जीजू ! चूसो इसकी फ़ुद्दी को ! मैं आपका लण्ड चूस रही हूँ, यह देखो कैसे पानी छोड़ रही है इसकी चूत साली की !

मैं- हाँ साली मादरचोद है ये, साली ऋतू गांड फट जायगी तेरी जब तुझे चोदूँगा, साली बहन की लोड़ी, साली मादरचोद, तेरी माँ को चोदूँ रांड बना कर साली चुद !

कंचन- हाँ जीजू… आःह्ह सी सी सी… अह्ह हाय… जीजू जोर से चोदो… फाड़ डालो अपनी साली की चूत…

मैं- ला साली, अब देख कैसे घुसता है तेरी चूत में लण्ड, ऋतू पकड़ इस माँ की लोड़ी को ! मैं दिखाऊँ इसे अपनी जवानी का जलवा ! ले पकड़ साली ऋतू ! चुदवा अपनी बहन को…

ऋतू- हां जीजू ये लो मैंने पकड़ा, हाँ, अब लगाओ अपना लण्ड पकड़ कर इसकी चूत के मुँह पर ! मैं ही लगाती हूँ, तभी साली की फटेगी ! रांड बनाओ इसे…

कंचन- हाँ जीजू, जल्दी करो, मैं मरी जा रही हूँ… अह… अह… अह… आह… आह… अहह… सी… सी… सी… चोदो मुझे, मेरा दाना फड़क रहा है…

मैं- साली… माँ चुदा… अब्बी तेरी चोदता हूँ, रांड बन अभी, ले साली अब मेरा लण्ड जाएगा तेरी चूत में ! आह… अह… ले साली… रांड की बच्ची… ले… चुदा… जा रहा है साली के अन्दर…

कंचन- हाँ जीजू, आह… आह… सी… सी… सी… मज़ा आः… आह… आओ… जल्दी… आह… चोदो… ऐसे ही आने दो… पूरा डाल दो… आह… आ…ह…सी…सी…

मैं- ले साली… ले रांड… अभी तो तेरी चूत में घुसा है, तेरी गांड भी फाड़ूँगा साली… अरे ऋतू… साली की गांड में उंगली डाल… इसकी तभी माँ चुदेगी… साली बहन की लोड़ी की…

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