अब्दुल मियां ने रजिया भाभी की गांड चोदी – Muslim Bhabhi Sex Kahani

दोपहर हो चली थी, रजिया ने खेत में काम करने गए अपने देवर अब्दुल के लिए खाना बांधा ओर अपनी बेटी आलिया को आवाज़ दी. 

रजिया- बेटी आलिया, जा तू खेत में अपने चाचू को खाना दे आ!

आलिया- नहीं जाऊँगी… मुझे अभी हुसैना के घर जाना है।

बाहर रजिया का शराबी और जाहिल शौहर जफ़र मियाँ अभी तक चारपाई पे बैठा हुक्का गुड़गुड़ा रहा था। रजिया ने सोचा कि वो उसे ही कह देगी भाई का खाना देकर आने को! रजिया खाना बांध कर बाहर लाई और अपने मिंया से बोली- जाओ अब्दुल को खाना दे आओ!

यह सुनते ही जफ़र-मियाँ भड़क गए- साली, माँ की लौड़ी, मुझे बोल रही है? तेरे बाप का नौकर हूँ मादरचोदी?

रजिया कुछ नहीं बोली, वह जानती थी कि इस हरामी पिल्ले को बोलने का कोई फायदा नहीं, यह ना काम का, ना ठुकाई का, बस दुश्मन रोज ढाई सेर अनाज का। वह खुद ही बुरका पहन खाना लेकर खेतों की ओर चली। उनके खेतों में अब्दुल मजदूरों के साथ काम कर रहा था, माथे से बहता पसीना और उसका गठीला बदन जो मेहनत करते करते लोहे सा मजबूत हो गया था।

रजिया ने खाना खेतों के बीच बने एक छोटी कोठरिया में रख दिया और बाहर काम कर रहे एक मजदूर को बोली- अब्दुल को बोल कि खाना खा लेगा।

मजूदर ने जाकर अब्दुल को बोला कि आपकी भाभीजान आपको खाने के लिए बुला रही हैं।

अब्दुल वहीं काम छोड़ कर चल पड़ा।

कोठरी में पहुँच कर उसने सब मजदूरो को कहा- जाओ, तुम भी खा पी लो!

यह सुन कर सब लोग वहाँ से चले गए, अब्दुल उस कोठरी के अंदर गया और दरवाजा अंदर से बन्द कर लिया। रजिया ने उसे एक तौलिया दिया, अब्दुल ने अपने माथे का पसीना पोंछा लेकिन उसकी नज़र बिना झुके ही रजिया से मिल रही थी बल्कि रजिया अपनी नज़र बार बार चुरा रही थी।

अब्दुल ने तौलिया नीचे रखा और दरवाज़ा बंद कर लिया, जाकर चारपाई पर बैठ गया। अब्दुल ने एक मिनट के लिए भी अपनी नज़र अपनी रजिया भाभी जान के बदन से नहीं हटाई। रजिया ने पास रखा खाना अब्दुल की तरफ बढ़ा दिया तो अब्दुल ने रजिया का हाथ पकड़ा और उसे खींच कर अपनी गोद में बैठा लिया।

Muslim Bhabhi Sex Kahani

रजिया- मत कर जाने दे मुझे !

अब्दुल- अभी नहीं पहले मुझे प्यार करने दो भाभीजान !

रजिया- देख कोई आ जायेगा…

अब्दुल- नहीं आएगा, मैं हूँ न, यहाँ मेरी इजाज़त के बिना कोई नहीं आता।

यह यह बोलते ही अब्दुल ने रजिया के बोबे, जांघ ओर पीठ पर हाथ फिरने लगा।

रजिया- रात को करेंगे, अब जाने दे मुझे!

अब्दुल- भाभीजान, बस एक बार करने दो, फिर चली जाना। मुझसे रात तक सब्र नहीं हो पाएगा !

अब्दुल ने रजिया को अपने ऊपर से हटा के साथ में लिटा दिया और झट से खड़ा हुआ, अपनी लुंगी खोली, चड्डी नीचे की और लण्ड को हाथ में पकड़ दो तीन झटके दिए। रजिया उसे ऐसा करते ही देख रही थी कि अब्दुल चारपाई पर आ गया और अपना लण्ड सीधा रजिया के होंठों पर रख दिया।

लौड़ा भी बड़ी तेज़ी से खड़ा होकर अपनी औकात पर आ गया। लेकिन रजिया ने अपना चेहरा एक तरफ कर लिया। लगभग एक हफ्ते पहले की ही बात है, रात को जब अपने निकम्मे शौहर को छोड़ रजिया अपनी मर्जी से अपने देवर अब्दुल के कमरे में आई थी और उसको अपना शौहर बना लिया था।

लेकिन इन औरतों का मूड भी शेयर-मार्किट जैसा होता है, ना जाने कब खुद-ब-खुद चुदवाने आ जाए, ना जाने कब मना कर दे! अब्दुल वापस खटिया पर बैठ गया और एक हाथ से भाभी के बूबे दबाने लगा और दूसरे हाथ से उसकी पीठ सहलाने लगा।

अपना सर उसने भाभी के कंधे पर रखा और उसकी गर्दन को सूंघने और चुम्मियाँ लेने लगा लेकिन अभी अभी रजिया कुछ खास जवाब दे नहीं रही थी। अब्दुल ने अपना हाथ थोड़ा और नीचे किया और भाभी की जांघों को सहलाने लगा।

धीरे धीरे से उसने भाभी के बुरके को ऊपर खींचना शुरू किया। अंदर रजिया ने केवल गाऊन और उसके नीचे घाघरा ही पहना था, वो भी बिना कच्छी के! अब अब्दुल ने अपना हाथ भाभी की जांघों के बीच थोड़ा और अंदर किया और उसकी उंगलियाँ भाभीजान की जांघों को छूने लगी।

वो धीरे धीरे से भाभी की भोंस की गहराई पर उंगली फेरने लगा। थोड़ी देर बाद, अब्दुल के सब्र का बांध टूट गया और वो तुरन्त ही अपने घुटनों के बल फर्श पर बैठ गया। भाभीजान की दोनों टांगों को उसने अपने कंधों पर लिया और उनके भोंसड़े को लबालब चाटने लगा।

रजिया भी धीरे धीरे से मस्ती में आने लगी और अपनी उंगलियों से अब्दुल के बालों को सहारने लगी। अब अब्दुल ने भाभीजान की किशमिश (clitoris) को अपने मुँह में लिया और जैसे नवजात बालक अपनी माँ की चुचूक चुसता है, वैसे ही वो रजिया के दाने को चूसने लगा।

शौहर के प्यार न मिलने से बन्ज़र हो चुकी रजिया की फ़ुद्दी भी बेटे जैसे देवर की जीभ का प्यार पा कर हरी-भरी होने लगी, धीरे धीरे से पानी छोड़ने लगी। कुछ मिनट और बीते तो अपनी मुलायम जांघों के बीच रजिया ने बेटे का सर जोर से दबाया, उसके बालों को जोर जोर से खींचने लगी, मानो सिग्नल दे रही हो कि ‘अब मै उस मुकाम के करीब हूँ तू तेजी से जीभ चला!’

अब्दुल वैसे तो अलहड़ था लेकिन इशारों ही इशारों में समझ गया और भूखी बिल्ली के माफिक तेजी से अपनी जीभ चलाने लगा। थोड़ी ही देर में रजिया तो ‘हाय…अल्ला’ बोल के झड़ गई और थकी बेहाल होकर खटिया पर लिट कर हांफने लगी।

अब्दुल ने सोचा कि हाँ, अब देखता हूँ कि भाभी चुदवाने से कैसे मना करती है! अब्दुल भी अब खटिया पर चढ़ गया और उसने अपनी भाभी रजिया की टाँगों को हवा में उठा लिया। इसकी वजह से रजिया के भोसड़े के साथ उसका गाण्ड का छेद भी बिल्कुल साफ़ नज़र आ रहा था, अब वो गौर से अपने भाभी के पूरे बदन को मन भर के देखने लगा।

READ  भाभी और उनकी बेटी की चुत का मजा

रजिया ने शरमा कर अपने चहेरे को अपने हाथों से ढक लिया। यह देख कर अब्दुल का लौड़ा तो पूरे जोर-शोर से एकदम लोहे के सरिये सा खड़ा हो गया। अब्दुल ने ज्यादा देरी न करते हुए लौड़े को अपनी सगी भाभी की फ़ुद्दी के अंदर किया और थोड़ा ऊपर होकर चारपाई के दोनों ओर पैर रख लिए जैसे कोई टट्टी कर रहा हो.

रजिया की दोनों टांगें हवा में थी और अब्दुल का लण्ड चूत में जाने को बिल्कुल तैयार था। अब्दुल ने अपनी कमर ऊपर करके लण्ड को चूत के अन्दर धकेला, भोसड़ी की चटाई करते वक्त लग अब्दुल के थूक और मुकाम के कारण निकले रजिया के पानी के कारण उसका भोंसड़ा एकदम गीला व चुदने के लिए एकदम तैयार हो चुका था।

Muslim Bhabhi Sex Kahani Hindi sex stories

अब्दुल अपने जानदार लौड़े से अपनी भाभी की कमचुदी फ़ुद्दी को जोतने लगा, जैसे बीज बोने के लिये खेत तैयार कर रहा हो! अब्दुल अपना खड़ा लंड धीरे धीरे अंदर बाहर कर रहा था, थोड़ा नीचे होता और लण्ड को पूरा अन्दर पेल देता।

रजिया को चीखने का मन कर रहा था, वो चाहती थी कि वो जो महसूस कर रही है, अपने इस बेटे जैसे देवर को चिल्ला चिल्ला कर बताये पर वो खुद को संभाल रही थी कि कहीं खेत के मजदूर दौड़ कर आ ना जाएँ।

जब अब्दुल को लगता कि वह झड़ने की कगार पर है तो वो अपने धक्कों की गति धीमी कर देता और कभी कभी तो बिल्कुल ही हिलना बन्द करके अपना लौड़ा भाभीजान की चूत में रख कर, बिना हिले-डुले दो-तीन मिनट आराम ले लेता।

ऐसा करने में उसे बड़ा मज़ा आता था क्योंकि जैसे ही अब्दुल हिलना बन्द करता तो रजिया अपने चूतड़ों को आगे पीछे करके अपनी ठुकाई चालू रखती और अब्दुल की कमर को पकड़ कर अपने हाथों से उसे अंदर बाहर करने के लिए धक्का देती।

एक अनुभवी औरत की चुदाई करना तो कड़ी धूप में खेतों में काम करने से भी कहीं ज्यादा थका देने वाला काम था। अब्दुल के पसीने और छक्के छूटने लगे, उसने भाभीजान को जोर से एक चुम्मी देकर अपना मुँह रजिया के मुख पर गड़ा दिया।

अब्दुल ने अपने धक्कों को तेज किया और लण्ड ऊपर होने वजह से चूत में घुस जाता था और फट से दूसरा धक्का लगा जा रहा था। रजिया ने अपने दोनों हाथों से खटिया के दोनों सिरों को पकड़ लिया, बस जैसे ही एक धक्का जोर से अब्दुल ने लगाया कि उसी वक्त रजिया की चूत की छूट हो गई, दो चार धक्के मारने के बाद अब्दुल ने भी पानी छोड़ दिया।

अब्दुल बिना संभले रजिया की चूचियों पर जा गिरा उसकी टांगें सीधी हुई जिसकी वजह से रजिया की टांगें हवा से नीचे आकर ज़मीन पर लग गई, दोनों की सांसें बड़ी तेज चल रही थी। रजिया ने अब्दुल को अपने ऊपर से हटाया और ठण्डी हुई उसकी चूत से निकलता काफी सारा पानी उसकी जांघों तक पहुँच गया।

उसने पास में परने को उठा कर अपनी चूत के अन्दर का सारा पानी साफ़ किया और कपड़े पहनने लगी। अब्दुल वहीं नंगा पड़ा अपने सगे भाई की जोरू को देख रहा था और अपने लण्ड हाथ में लेकर हिला रहा था।

अब्दुल- रुको भाभीजान, आपको एक तोहफा देना है।

रजिया रुक गई, अब्दुल ने चारपाई के नीचे पड़े एक डिब्बी को उठाया और रजिया को दिया। रजिया ने डिब्बी को खोला, उसमें पायल का जोड़ा था जो काफी सुंदर लग रहा था, उसे देख कर रजिया के मुख पर मुस्कान आई।

अब्दुल- भाभीजान आप भूल गई लेकिन मुझे बखूबी याद है कि आज आपका जन्मदिन है!

रजिया- ये पायल तो बहोत बढ़िया है अब्दुल!!

अब्दुल- भाभीजान, आपको मेरा तोहफ़ा पसन्द आया, शुक्र है, मुझे औरतों की चीजों का ज्यादा पता नहीं है ना !

रजिया- चल अभी तो मैं जा रही हूँ लेकिन तू खाना खा लियो !

अब्दुल- ठीक है भाभीजान, पर रात को कमरे में आ जाना! आपका जन्मदिन खटिया में लेट कर धूमधाम से मनाएँगे!

यह सुन कर रजिया रोमांचित भी हो उठी, थोड़ी शरमा भी गई और तेजी से घर की ओर चल पड़ी। लेकिन उसे क्या पता था कि अब्दुल ने जन्मदिन भाभीजान की गांड-चुदाई करके धूमधाम से मनाने का सोच के रखा था। अब्दुल ने कपड़े पहने और खाना खाकर काम पर लग गया।

शाम को घर में सब आँगन में बैठे शाम की चाय पी रहे थे। रजिया की बेटी आलिया किसी रिश्तेदार की शादी की तैयारियों में मदद कराने गई थी, वापस आई तो उसके हाथों में मेंहदी लगी थी। वो अपनी अम्मी रजिया को मेंहदी दिखाने लगी- अम्मीजान देखो ना… कैसी लगी है मेंहदी!

रजिया- बहोत खूब, बहोत बढ़िया लगी है!

आलिया- वो गुलबदन चाची ने शहर से खास ब्यूटीपार्लर वाली लड़की को बुलाया है।

रजिया मुँह बिगाड़ के- हाँ, उनके घर पैसों के दरिया बहते हैं, गुलबदन का खसम पुलिस में जो है, पैसा तो होगा ही, और ऐसे मौकों पर जमकर उड़ाएँगे भी।

रजिया पुराने दिनों की यादों में खो गई, जब उसे भी निकाह की मेंहदी लगाई गई थी, वो कितनी खुश थी, उसके दिल में कितने अरमान थे। लेकिन सुहागरात को ही उन पर पानी फिर गया, जब जफ़र मियाँ शराब के नशे में चूर, तम्बाकू से बदबू मारते मुँह के साथ, बिना कुछ रोमांस किये, सीधा उस पर चढ़ गया था और आधे मिनट में ही झड़ कर बेहोश सा हो गया था।

वो तो रजिया का नसीब अच्छा था कि अब्दुल जैसा समझदार देवर था जो उसका ख्याल भी रखता, और हर रूप से ‘संतुष्ट’ भी करता। रजिया ने मन में सोचा कि वो भी अपनी नई पायल बेटी को दिखाए लेकिन फिर यह ख्याल छोड़ दिया.

READ  बॉस से होटल में चुदवाकर मुझे नौकरी मिल गयी और फिर जल्दी प्रमोशन मिल गया - Job Chudai Sex Kahani

यह सोच कर कि आलिया भी अब्दुल से नई पायल, झुमके या चूड़ियाँ लाने की जिद पकड़ेगी और उनके घर की माली हालत कुछ ठीक नहीं थी। वैसे तो बाप-दादा ढेर सारी जमीन जायदाद छोड़ गए थे लेकिन अब्दुल भाई जफ़र मियाँ ने थोड़ी जमीन छोड़ शराब और जुए में सब कुछ उड़ा दिया था।

वो तो अब अब्दुल बड़ा होकर खुद कामकाज देखने लगा, तब जाकर परिवार की गाड़ी पटरी पर आई, अब्दुल की मेहनत से उन्होंने थोड़ी और जमीन खरीदी, नया मकान भी बनाया और सरकारी कर्जे से ट्रेक्टर भी ले लिया। आलिया ने रजिया का कंधा हिलाते हुए झकझोरा- अम्मीजान, किन ख्यालों में खो गई? खाना नहीं बनाना क्या? “Hot Muslim Lady Ass”

रजिया- हाँ हाँ बेटी, चलो।

रात के नौ बजने को आये, अपने जन्मदिन की खुशी में रजिया ने सबके लिए खीर भी बनाई लेकिन अब्दुल अभी तक खेत से वापस नहीं आया था। आलिया तो खाना खाकर अपने कमरे में चली गई। घर में अभी भी टीवी नहीं था इसलिए मनोरंजन के नाम पर आलिया केवल छिपछिप के सहेलियों से रोमेंटिक नोवल ले आती और देर रात तक अपने कमरे में पढ़ती.

यदि कोई रोमेंटिक सीन आ जाए तो पढ़ते पढ़ते अपनी बुर को उंगली से सहलाती, उसमें उसे एक अजीब सा मजा आता। वैसे वो अभी तक एकदम कुँवारी थी। रजिया भी रसोई में बाकी काम खत्म कर रही थी, बाहर से जफ़र मियाँ ने आवाज लगाई- मैं पन्द्रह मिनट में आता हूँ। “Hot Muslim Lady Ass”

ऐसा बोल कर वो चला गया। रजिया भी समझती थी कि पन्द्रह मिनट का मतलब अब उसका मिंया पूरी रात अड्डे पर बैठ कर दारू पिएगा और टल्ली होके किसी नाली या झाड़ियो में गिर कर सो जाएगा। घर के सभी सदस्य भी यही चाहते थे कि जफ़र मियाँ घर से बाहर ही फिरता रहे.

जब भी वो घर में होता, अक्सर छोटी छोटी बातों पे झगड़ा करना, गालियाँ बकना, मार-पिटाई करना ही उसको आता था। अब्दुल जब से कमाने लगा, उसने गाँव में लगे शराब के अड्डे वाले को बोल दिया था कि मेरे भाई आके जितना पीना चाहे पीने देना, और महीने की पहली तारीख को हिसाब मुझसे कर लेना।

अब्दुल तो मन ही मन चाहता था कि बुढ्ढा कहीं जहरीली शराब पी कर मर जाए तो अच्छा, कम से कम सरकार की तरफ से चार-पांच लाख रूपये मिले तो खेती के साथ साथ, छोटी मोटी किराने दुकान शुरू कर दूँ और घर की चार चीज का भी इंतजाम हो जाए। खैर तो अब रजिया अब्दुल की राह देखते देखते घर के बाहर ही खाट पर बैठी थी। साढ़े नौ बजे अब्दुल ट्रेक्टर लेकर वापस आ गया। “Hot Muslim Lady Ass”

रजिया- अब्दुल भाई, इतनी देर क्यों हो गई?

अब्दुल- कोई नहीं भाभीजान, वो तो जरा ट्रेक्टर खराब हो गया था।

रजिया- चल हाथ मुँह धो ले, तेरे वास्ते खाना लगाती हूँ

बाद में अब्दुल रसोई में आया, बैठा, रजिया ने उसकी थाली में परोसना शुरू किया।

रजिया- देख मैंने खीर भी बनाई है, तुझे बहोत पसन्द है ना?

रजिया ने प्यार भरी निगाहों से अब्दुल की ओर देखा।

अब्दुल ने मुस्कुरा कर हाँ कहा।

रजिया उठी और एक डिब्बे में से मुठ्ठी भर के काजू-बादाम-किशमिश-अखरोट उसने अब्दुल की खीर वाली कटोरी में डाली।

अब्दुल- बस बस भाभीजान, इतना मत डालो!

रजिया- तू खेतों में पूरा दिन इतनी कड़ी महेनत करता है ना! खाएगा नहीं तो ताकत कैसे आएगी भला?

वैसे मन ही मन रजिया का इरादा कुछ और ही था, इतने सारे काजू बादाम किशमिश उसने खीर में इसलिए मिलाए ताकि अब्दुल की मर्दाना ताकत और उभर के आए और वो रात-भर उसकी जमकर बिना थके ठुकाई कर सके।

क्योंकि रजिया कोई आजकल की अलहड़ लड़कियो जैसी नहीं थी कि बस एकबार की चुदाई में ही टांयटांय फिस्स हो जाए, वो तो बरसों से भूखी थी, आज तो रात में कम से कम तीन से चार बार जमकर चुदवाऊँगी, ऐसा मन ही मन ठान के रखा था। अब्दुल ने खाने लगा, रजिया उसके सामने ही बैठ कर उसे प्यार से देखने लगी।

अब्दुल की नजर भाभी के पैरों पर पड़ी- यह क्या भाभीजान, आपने वो पायल क्यों नहीं पहनी? मेरा तोहफा पसंद नहीं आया क्या?

रजिया- अरे अब ऐसे सजने-धजने की मेरी नहीं आलिया की उम्र है, उसके निकाह में उसे दे देंगे, ठीक है ना?

‘क्या भाभीजान आप भी! अभी कहाँ आपकी उम्र हुई है, बिल्कुल परिस्तान की रानी लगती हो! मेरा तोहफा तो आपको कबूल करना ही होगा। कहाँ रखी हैं पायल?

रजिया- वो अलमारी में!

अब्दुल खाना छोड़ कर अलमारी से वो पायल ले कर आया, अपने हाथों से भाभीजान को वो पायल पहनाई।

रजिया बहुत शरमाई लेकिन उसका पूरा बदन रोमांच से पुलकित हो उठा, बोली- ‘काश तू मेरा शौहर होता!’

अब्दुल ने भाभी को बांहों में भर लिया, होठों पे एक बोसा देकर उसके बालों में हाथ फेरते हुए बोला- वो तो मैं अभी भी बन सकता हूँ, जब मियाँ बीवी राजी तो क्या करेगा काजी!

रजिया ने अब्दुल के चौड़े सीने पर सर रख कर अपनी आँखें बन्द कर की और यह दुआ करने लगी कि ‘यह हसीन रात कभी खत्म न हो।’

थोड़ी देर बाद अपने आप को सम्भालते हुए वो अब्दुल से अलग हुई- चल सलीन, तू अभी खाना खा ले।

अब्दुल- भाभीजान चलो अब…

उसने अपने कमरे की ओर इशारा किया।

रजिया- हाँ बाबा, आती हूँ, पहले यह बचा-खुचा खाना बाहर कुत्तों को फेंक दूँ।

अब्दुल ने मन में सोचा कि कुत्तों से याद आया, आज तो भाभीजान की कुत्ता-आसन doggy-style में गाण्ड चुदाई करूँगा।

READ  भाई की बीवी को ब्लैकमेल करके चोदा - Bhabhi Blackmailing Chudai

अब्दुल अपने कमरे में गया। कुछ दिनों पहले वो फसल के लिए कीटनाशक दवाई लाने शहर गया था, तभी उसने रजिया के लिए वो पायल खरीदी थी, साथ ही में वो परफ्यूम की बोतल व रेलवे स्टेशन के बुक-स्टाल से ‘आधुनिक कोकशास्त्र’ की किताब भी लाया था, जिसमें चुदाई के भिन्न भिन्न आसनों का फोटो के साथ वर्णन किया गया था।

काफी देर तक वो किताब के पन्नों को आगे-पीछे करता रहा। तब छम्म-छम्म करती पायल की आवाज उसके कान में पड़ी, वो उठा और पूरे कमरे में परफ्यूम छिड़क दिया। रजिया पहले अपनी बेटी आलिया के कमरे की ओर गई, देखा, कमरे की बत्ती बन्द है, मतलब बेटी सो गई है, अब कोई खतरा नहीं। “Hot Muslim Lady Ass”

वो दबे पाँव अब्दुल के कमरे में गई, दरवाजा अंदर से बंद कर दिया और हल्के से मुस्कुराते-मुस्कुराते अब्दुल के पलंग की ओर बढ़ी। अब्दुल उठा, अपने दोनों हाथों से उसने रजिया के कंधों को पकड़ा और आहिस्ता से पलंग पर बैठाया।

अब्दुल- माशाल्लाह.. आज तो क्या खूबसूरत लगी रही हो भाभीजान! रजिया ने नई नवेली दुल्हन की तरह शरमा कर अपने दोनों हाथों से चहेरे को ढक लिया। अब्दुल आगे बढ़ा, अपने हाथों से रजिया के हाथों को उसके चेहरे से हटाया और गाल पर एक चुम्मा लिया और रजिया की दोनों टांगों को जमीन से ऊपर उठाया और पलंग पर पूरी तरह से उसे लेटा दिया।

अब्दुल ने अपना शर्ट, लुंगी, कच्छा फट से निकाल कर जमीन पर फेंक दिया और पलंग पर बैठ गया। अब्दुल भली भांति जानता था कि ऐसे भाभीजान सीधे सीधे तो गांड मारने दे, उसके चांस बहुत कम हैं, किन्तु उसने औरत को राजी करने के टिप्स ‘आधुनिक कोकशास्त्र’ पढ़े थे, वो समझ गया था कि धीरे धीरे रोमेंटिक तरीके से आगे बढ़ने में ही समझदारी है।

तभी औरत को मजा आता है और वो अपने आप से बार बार खुद ब खुद पलंग में प्यार पाने के लिए आ जाती है। दोपहर में खेत में की चुदाई से उसे भाभीजान की कमजोरी का भी पता चल गया था यानि की भोसड़ा-चटाई! रजिया अभी भी पलंग पर लेटी मुस्कुरा रही थी, अब्दुल उसके पैरों के पास गया और उनकी पायल को चूम लिया। धीरे धीरे से अब्दुल भाभीजान के पैर दबाने लगा।

‘यह क्या कर रहे हो?’

‘आप पूरा दिन काम करते करते थक गई होंगी न.. बस कुछ मत बोलिए, ऐसे ही लेट कर आराम कीजिए।’

अब्दुल भाभीजान के पैरों को बड़े प्यार से दबाने लगा… पहले घुटनों तक, फिर जांघों तक, उसके हाथ धीरे धीरे और ऊपर बढ़ने लगे, अपने दोनों हाथों से उसने रजिया के दोनों मोटे बोबों को जकड़ा और उन्हें मसलने लगा।

‘हाय अल्ला…’ रजिया ने अपने नीचे का होंठ दांतों के बीच दबाकर कर आँखें बंद कर ली।

यह देख अब्दुल जोश में आ गया और लेटी हुई रजिया की जांघों पर बैठ गया और बोबों को जमकर दबाने और मसलने लगा। थोड़ी देर बाद उसने अपने दांये हाथ से चूची मसलाई चालू रखी और बांये हाथ को भाभीजान की दो टांगों के बीच की जन्नत पर रख दिया।

बिना गाउन या घाघरा, उतारे या नीचे किए वो ऐसे ही अपने नाखूनों से भाभीजान की भोंस को रगड़ने लगा। रजिया तो जैसे जन्नत में थी, उसने अपनी हुंकार रोकने के लिए अपनी हथेली होंठों के बीच दबा ली। अब्दुल तो खाने बैठा था, तब से चुदाई के लिए उत्सुक था, लेकिन उसने खुद पर काबू रखा, कि नहीं ‘आज भाभीजान का जन्मदिन है तो मजे लेने का उनका हक पहले बनता है।’

अब्दुल ने ऐसे ही अपना फॉर प्ले लगभग आधे घंटे तक जारी रखा। इस बीच रजिया एक बार झड़ भी गई, तब जाकर अब्दुल को लगा कि हाँ अब लोहा गर्म हुआ है, हथोड़ा मारने का वक्त आ गया है। उसने धीरे से रजिया को धक्का लगा कर पेट के बल सुला दिया और उनका गाउन और घाघरा उपर की ओर खींच दिया।

अब अपने दोनों हाथों से रजिया के मोटे मोटे नितम्बों को दो तरफ पसारा और भाभीजान की गाण्ड के कसे हुए छेद का मुआयना किया। शादी के बीस साल बाद भी रजिया की गाण्ड अभी तक अनचुदी-अनछुई थी क्योंकि उसके शौहर जफ़र मियाँ का फटीचर लंड तो बमुश्किल से चूत में ही घुस पाता था, गाण्ड चुदाई करना तो जफ़र मियाँ के लिए जैसे लोकपाल बिल पास कराने जैसा असंभव काम था।

फिर अब्दुल ने भाभी जान की गांड में अपना लौड़ा घुसाया, रजिया दर्द से चिहुक उठी और खुद को छुड़ाने की कोशिश करने लगी. लेकिन अब्दुल की पकड़ और भी मजबूत हो गई और उसने अपने एक हाथ से रजिया के मुंह को बंद किया. और जबरदस्ती गांड में लंड पेलने लगा. रजिया की तो जैसे जान ही निकल रही थी. पर वो भी अपने देवर को खुश करने के लिए ये दर्द बर्दास्त कर रही थी. ऐसे ही 15 मिनट तक अब्दुल ने रजिया की गांड चोदी और गांड में ही झड गया. रजिया की गांड अब्दुल का लंड खा कर सूज गई थी.

दोस्तों आपको ये Muslim Bhabhi Sex Kahani की कहानी मस्त लगी तो इसे अपने दोस्तों के साथ फेसबुक और Whatsapp पर शेयर करे………………

Related Posts

Report this post
Download a PDF Copy of this Story 

Leave a Comment