बहु की जवानी को ससुर ने अपने लंड से शांत किया

मेरे प्यारे दोस्तों,

देशी कहानी पर आपका स्वागत है, यह कहानी आप पढ़ रहे है: www.sexykahani.in वेबसाइट पर, मुझे बहूत ही ज्यादा हॉट और सेक्सी कहानी पढनी होती है, तो मैं इस वेबसाइट पर आता हूँ, आज मैं भी एक गर्मागर्म देसी सेक्सी कहानी लेकर आया हूँ, जो कि sexykahani.in के माध्यम से भेज रहा हुँ। और मैं उम्मीद करता हूँ, कि आप सभी को यह Sasur Bahu Chudai Story बहुत पसंद आएगी। आज मैं आपके लिए एक बहूत ही हॉट और मस्त चुदाई की कहानी free 😊 मे लेके आया हूँ।

विनोद की पत्नी सावित्री की मौत कई साल पहले हो गयी थी। अब वो 45 साल का एक sex से असंतुष्ट आदमी था, और अपने लौड़ा की गरमी निकालने के लिए नई बूर तलाश करता रहता था। उसका एक बेटा रविश और एक बेटी दीपा थी। बेटी की शादी गौतम के साथ हो चुकी थी जो कि फौज में काम करता था। गौतम की पोस्टिंग जम्मू कश्मीर में थी और दीपा से अलग रहने पर मज़बूर था। दीपा 20 साल की जवान औरत थी।। गोरी चिट्टी, गदराया हुआ बदन, भारी गांड , भरी हुई चूचियाँ, मोटे होंठ, लंबा कद और कसरती जांघे। 

कई बार तो विनोद अपनी ही बेटी के जिस्म की कल्पना से उत्तेजित हो चुका था। वह हमेशा से ही अपनी बेटी की चूत चोदना चाहता था।

रविश ने भी अपनी प्रेमिका मोनिका से शादी करके घर बसा लिया था। मोनिका एक साँवली 21 साल की लड़की थी।। बिल्कुल स्लिम, सेक्सी आँखें, लंबी टाँगें और भरा हुआ जिस्म। बड़ी – बड़ी चूची, मोनिका की ज़िद थी कि वो अलग घर में रहेगी। तो रविश ने अलग घर ले लिया था। विनोद अब अकेलेपन का शिकार हो रहा था, कि अचानक एक दिन उसकी बहू मोनिका का फोन आया और वो बोली कि पापा जी आप यहाँ पर चले आइए। रविश ने मुझे धोखा दिया है, और में आपके बेटे से तलाक़ चाहती हूँ। आप अभी चले आये पापा जी।

तभी विनोद जल्दी से अपने बेटे के घर पहुँचा तो देखा कि मोनिका ने रो रो रोकर अपना बुरा हाल कर लिया था। फिर विनोद उसके पास आया और पूछने लगा कि बेटी क्या हुआ? रोना बंद करो अब और मुझे पूरी बात बताओ बेटी। तेरे पापा जी हैं ना ? बेटी मुझे सारी बात बताओ ?

लेकिन मोनिका कुछ नहीं बोली बल्कि उसने तस्वीरों का एक लिफ़ाफ़ा अपने ससुर की तरफ बढ़ा दिया। फिर विनोद ने एक नज़र जब तस्वीरों पर डाली तो हक्का बक्का रह गया। 

रविश क़िसी पराई औरत को चोद रहा था और उसकी हर तस्वीर साफ थी और एक तस्वीर में वो औरत रविश का लौड़ा चूस रही थी तो दूसरी में रविश उसकी गांड चाट रहा था, बूर चूम रहा था, और तस्वीरें बिल्कुल साफ थी, उस औरत की शक्ल भी जानी पहचानी लग रही थी। वो औरत भी बहुत सेक्सी थी। गोरी, गदराया हुआ बदन, 25-26 साल की हसीना थी।

विनोद ने बोला कि बेटी यह औरत कौन है ?

कब से चल रहा है ये सब कुछ ?

फिर मोनिका बोली कि पापा जी क्या आप नहीं जानते इस औरत को ? ये रीना है, मेरी भाभी

आपका बेटा मेरी सग़ी भाभी से शारीरिक संबंध बनाए हुए है। तभी विनोद कहने लगा कि यह शरम की बात है उसको मर जाना चाहिए। जो अपनी बहन समान भाभी को चोद रहा है और दिन रात उसके साथ चिपका रहता है।

तभी मोनिका बोली कि हाँ पापा जी और मैं यहाँ करवटें बदलती रहती हूँ। और वो उउउ हुहुहुन करके रोने लगी, तभी विनोद की नज़र अब अपनी बहू के रोते हुए चेहरे पर से सीने पर जा रुकी। मोनिका का ब्लाउज बहुत नीचे गले का था और उसके सीने का उभार आधे से अधिक बाहर झलक रहा था। तभी बूब्स की गहरी घाटी देखकर ससुर का दिल बहक उठा, और विनोद जानता था कि जब औरत के साथ बेवफ़ाई हो रही हो तो वो गुस्से और जलन में कुछ भी कर सकती है।

वो अपनी बहू को चोदने का विचार करने लगा, ऐसे हालात मे वो ज़रा सी हमदर्दी जता कर बहू को चोद सकता था, वह सोचने लगा मेरी बहू इससे पहले और किसी से चुदवाए मैं हाथ मार लेता हूँ। और ऐसा माल बाहर वाले के हाथ क्यों लगे ? बेटे की पत्नी उसके बाप के काम क्यों ना आए?

विनोद बोला कि बेटी घबरा मत मैं हूँ ना तेरी हर तरह की मदद के लिए। बोलो कितने पैसे चाहिए तुझे दस लाख, बीस लाख मैं तुझे इतना धन दूँगा कि तुझे कोई कमी नही होगी और कभी रविश के आगे हाथ नहीं फैलने पड़ेंगे। बस तुम मेरे घर की इज़्ज़त रख लो और रविश की बात किसी से मत कहना और तुझे जब भी किसी चीज़ की ज़रूरत हो तो मुझे बुला लेना। विनोद ने कहा और अपनी बहू को बाहों में भर लिया।

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रोती हुई बहू उसके सीने से चिपक गयी और जब मोनिका का गरम जिस्म ससुर के साथ लिपटा तो एक करंट उसके जिस्म में दौड़ गया जिसका सीधा असर उसके लौड़ा पर हुआ। तभी 45 साल के आदमी में पूरा जोश भर गया और उसने अपनी बहू को सीने से लगा लिया और उसके गालों को सहलाने लगा।

उधर जवान बहू ने जब इतने दिनों के बाद आदमी के जिस्म को स्पर्श किया तो उसकी बूर में भी एक आग सी मच गयी, और वो एक मिनट के लिए भूल गयी, कि विनोद उसका पति नहीं बल्कि पति का बाप था। विनोद ने बहू को गले से लगाया हुआ था और फिर वो सोफे पर बैठ गया और मोनिका उसकी गोद में थी।

जब अपने ससुर के लौड़ा की चुभन बहू के बूर पर होने लगी तो बहू भी कामुक हो उठी और वैसे भी ससुर ने पैसे देने का वादा तो कर लिया था। अब उसकी जिस्मानी ज़रूरतों की बात थी तो वो सोचने लगी कि क्यों ना रविश से बदला लेने के लिए उसके बाप को ही अपने जाल में फंसा लूँ ? पापा जी का लौड़ा तो बहुत मोटा ताज़ा महसूस हो रहा है। अगर मदरचोद रविश ने मेरी भाभी को फंसाया है तो क्यों ना मैं उसके बाप को अपना पालतू चोदू आदमी बना लूँ ? और वैसे भी बुजुर्ग आसानी से पट जाते हैं,

अब तरकीब लगानी है, कि ससुर जी को कैसे लाईन पर लाया जाए ?  और कहने लगी कि मेरे प्यारे पापा जी, आप कितना ख्याल रखते हैं अपनी बहू का ? मैं गलत थी जो अलग रह रही थी,

तभी उसका लौड़ा उसकी बहू के बूर में घुसने लगा तो बहू भी शरारती मिजाज से बोली कि पापा जी ये क्या चुभ रहा है मुझे ? शायद कोई सख्त चीज़ मेरे कूल्हों में चुभ रही है। फिर विनोद बड़ी बेशर्मी से हंस कर बोला कि बेटी तुझे धन के साथ साथ और क्या ज़रूरत पड़ेगी। बताना मुझे !

तभी विनोद का हाथ सीधा बहू की बूब्स पर जा टिका और बहू मुस्कुरा पड़ी, उसने सोचा ससुर तो पहले से ही लाइन पर है। क्यों ना थोड़ा सा भाव खा लिया जाए,

मोनिका बोली बाबू जी !!! आप!!!

आपके पेंट में तंबू कैसा है। मोनिका समझ गयी थी कि अब बेटे के बाद बाप को ही अपना पति मान लेने में भलाई है। फिर विनोद ने बहू के सर पर हाथ फैरते हुए कहा कि रानी बेटी ज़िप खोल के देख लो ना क्या है तंबू के अंदर तभी बहू ने झट से ज़िप खोल दी और पापा जी की अंडरवियर नीचे सरकाते हुए लौड़ा को अपने हाथों में ले लिया और कहने लगी कि पापा जी आपका लौड़ा है ये आग की तरह दहक रहा है।

लगता है माँ जी के जाने के बाद से यह बेचारा प्यासा है। खैर अब में आ गयी हूँ इसका ख्याल रखने के लिए। फिर क्या था विनोद ने भी अब अपना हाथ बहू के ब्लाउज में डालकर मोनिका की बूब्स कस ली और उसके निप्पल को मसलने लगे।

अब दोनों प्यासे जिस्म नंगे होने को बेकरार हो रहे थे, तभी बहू ने ससुर की पेंट नीचे सरका दी और उसके लौड़ा को किस करने लगी। विनोद बोला कि बेटी तेरे पापा जी का केला कैसा है स्वाद पसंद आया? लेकिन बहू तो बस लंड खाने में मग्न हो चुकी थी। फिर मोनिका बोली कि पापा जी मेरा मन तो केले के साथ आपके अंड्डे भी खा जाने को कर रहा है। कितने भारी हो चुके है यह आंड। इनका पूरा रस मुझे दे दो आज पापा जी।

तभी विनोद बोला कि इनका रस तुझे मिल जाएगा लेकिन उसके लिए तुमको पूरा नंगा होना पड़ेगा और अपने पापा जी को अपने जिस्म का हर अंग दिखना पड़ेगा ताकि तेरे पापा जी तुझे केले खिला सकें। आज मुझे अपने जिस्म की खूबसूरती दिखा दो। मुझे तो कल्पना करने से ही उतेज्ना हो रही है। मेरी रानी। आज तेरी फिर से सुहागरात होने वाली है अपने पापा जी के साथ। आज हम दो जिस्म एक जान हो जाने वाले हैं।

मैं बाथरूम जाने के लिए खड़ी हुई, तभी ससुर जी डर गये सोचे मुझे बुरा लग गया, पर मैंने बोला कि मै बाथरूम से आती हू। फिर 10 मिनट के बाद जब वो लौटी तो केवल काली पेंटी और ब्रा में थी और विनोद पूरी तरह से नंगा था। वो अपने लौड़ा को मुठिया रहा था और वासना भरी नज़र से मोनिका को घूर रहा था और मोनिका का सांवला जिस्म देखकर उसका लौड़ा आसमान की तरफ उठा हुआ था। कसी हुई पेंटी में उसकी बहू की बूर पावरोटी की तरह उभरी हुई थी, और बूब्स तो ब्रा को फाड़कर बाहर आने को उतावली हो रही थी।

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मोनिका के हाथ में ट्रे थी जिसमे दारू की बॉटल रखी हुई थी जो उसने टेबल पर रखी और पापा जी के लिए पेक बनाने लगी। तभी विनोद ने अपना एक हाथ आगे बड़ाकर उसकी ब्रा के हुक खोल दिए और वो मचल गयी। लेकिन मुस्कुरा पड़ी। पापा जी ने अपनी बहू की बूब्स को मसल दिया और बोली कि बेटी क्या मेरा बेटा भी तेरी बूब्स को इतना प्यार करता है ? इसको चूसता है?

बहू को अपने सामने खड़ा किया और अपने होंठ उसकी फूली हुई बूर पर रख दिए और पेंटी के ऊपर से ही किस करने लगा।  मोनिका कहने लगी कि पापा जी क्या एसे ही करते रहोगे या फिर बेटिंग भी करोगे ? मैंने आपके लिए पिच से घास साफ कर रखी है

दिखाऊँ क्या ?

विनोद जोर से हंस पड़ा। और कहने लगा देखता हूँ कि तेरा पिच तैयार है। सेंचुरी बनाने के लिए या नहीं ? पिच से खुश्बू तो बहुत बढ़िया आ रही है और यह कहते हुए उसने पेंटी की इलास्टिक को बहू के कूल्हों से नीचे सरका दिया और तभी कसे हुए बूर नंगे हो उठे और शेव की हुई बूर विनोद के सामने मुस्कुरा उठी। विनोद ने धीरे से पेंटी को बहू की कसी हुई जांघों से नीचे गिरा दिया और अपने बेटे की पत्नी की बूर को प्यार से निहारने लगा। बूर के उभरे हुए फाके मानो लंड के स्पर्श के लिए तरस गये हों।

फिर विनोद ने एक सिसकी भरकर अपना हाथ बूर पर फेरा और फिर अपने होंठ बूर पर रख दिए। बूर मानो आग में दहक रही हो। फिर मोनिका कहने लगी कि ओह्ह पापा जी मेरे प्यारे पापा जी क्यों आग भड़का रहे हो ? इस प्यासी बूर की प्यास बुझा दो ना।

प्लीज।

अब आप ही इस जवान बूर के मालिक हो। इसको चूसो, चाटो, चोदो, लेकिन अब देर मत करो पापा जी। मैं मरी जा रही हूँ। फिर विनोद ने बहू के बूर कसकर थाम लिए और जलती हुई बूर में जीभ घुसाकर चूसने लगा। जवान बूर के नमकीन रस की धारा ने उसकी जीभ का स्वागत किया जिसको विनोद पीने लगा।

बहू ने अपनी जांघे खोल दी जिससे ससुर के मुहं को चूसने में आसानी हो और कामुक ससुर किसी कुत्ते की तरह बूर चूसने लगा और उधर मोनिका की वासना भड़की हुई थी और वो अपने ससुर के लौड़ा को चूसने के लिए उतावली और गरम हो रही थी। और बोली मुझे भी आपका केला खाना है आपके बेटे को तो मेरी परवाह नहीं है। उस बहनचोद ने तो मेरी भाभी को ही मेरी सौतन बना रखा है। आप मुझे चोदकर रविश की माँ का दर्जा दे दो पापा जी।

उधर विनोद बहू की बूर से मुहं हटाने का नाम ही नही ले रहा था। लेकिन बहू का कहा भी टाल नहीं सकता था। तभी कामुक ससुर ने अपनी नग्न बहू के जिस्म को बाहों में उठाया और बिस्तर पर ले गया। 

बहू का नंगा जिस्म बिस्तर पर फैला हुआ देखकर विनोद नंगा हो गया और इतनी सेक्सी औरत तो उसकी सग़ी बेटी भी होती तो आज वो उसको भी चोद देता। विनोद अपनी बहू पर उल्टी दिशा में लेट गया था तो उसका लौड़ा बहू के मुहं के सामने था और बहू की बूर पर उसका मुहं झुक गया। मोनिका समझ गयी कि उसे क्या करना है। उसने दोनों हाथों में ससुर जी का लौड़ा थाम लिया और उस आग के शोले को मुहं में भर लिया और मोनिका विनोद के सूपाड़े को चाटने लगी। लौड़ा को चूसते हुए उस पर दाँत से भी काटने लगी और अंडकोष को मसलने लगी।

उधर ससुर भी अपनी जीभ बहू की बूर की गहराई में मुहं घुसाकर चुदाई करने लगा। दोनों कामुक जिस्म मुहं से चुदाई करते हुए सिसकियाँ भरने लगे।। आहह उूउफ आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् अअअअअहहहहहहह…..… 

तभी विनोद को लगा कि अगर ऐसा ही चलता रहा तो वो जल्दी ही झड़ जाएगा। इसलिए उसने बहू को अपने आप से अलग कर लिया और उसने बहू को लेटा लिया और उसकी जांघों को खोल कर ऊपर उठा दिया। फिर उसने अपना सुपाड़ा मोनिका की बूर पर टिकाया और बूर पर रगड़ने लगा और मोनिका जोर से सिसकियाँ भरने लगी और कहने लगी कि उफफफफफ्फ़ अहह हहहहहममममम अअअहहह अअअहहह पापा जी क्यों इतना तरसा रहे हो ? डालो ना और वो कराह उठी। पापा जी चोद डालो अपनी बहू को, आपकी बहू की बूर मस्ती से भरी पड़ी है। मसल डालो अपनी बेटी की प्यासी बूर को और जो काम आपका बेटा ना कर सका आज आप कर डालो। पापा जी अब जल्दी से चोदना शुरू करो। मेरी बूर जल रही है। 

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तभी विनोद ने अपना सुपाडा मोनिका की बूर पर टिकाया और बूर पर रगड़ने लगा। उफफफफफ्फ़ पापा जी। क्यों तरसा रहे हो ? डाल दो ना प्लीज कहते हुए बहू ने ससुर के लौड़ा को अपनी दहकती हुई बूर पर रखकर बूर ऊपर उछाल दिए पपचचच करता हुआ लोहे जैसा लौड़ा बूर में समाता चला गया। ऊऊऊऊऊऊऊऊहह। चोदो ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्  आआअहह अंदर डालो दो पापा जी, शाबाश पापा जी चोद डालो मुझे। मेरी बूर जल रही है। तभी मोनिका की बूर से इतना पानी बह रहा था कि लौड़ा आसानी से बूर की गहराई में उतर गया और बहू ने अपनी टाँगें पापा जी की कमर पर कस दी और वो अपनी गांड उछालने लगी। ससुर बहू की साँस भी बहुत भारी हो चुकी थी और दोनों कामुक सिसकियाँ भर रहे थे। तभी विनोद ने बहु की बूब्स को ज़ोर से मसलते हुए धक्कों की स्पीड बढ़ा डाली और लौड़ा फ़चा फ़च बूर के अंदर बाहर होने लगा। फिर विनोद ने बहू के निप्पल चूसना शुरू किया तो वो बेकाबू हो गयी और पागलों की तरह चुदवाने लगी।

वाह!  आआआहहह वो ओह्ह आह्ह उह्ह उम्म्ह उम्म्ह हहम ह्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म् उउउम हहह हह हहहमममम उउउम वोअ वोअ वोअ हहहहहममममम अअअहहह अअअहहह अअअहहह हहहह आआआहहहहहह आआआहहहहहह आआह्ह्ह्ह उउउम ह्ह्ह्ह ह्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म्म् पापा जी वाह चोद डालिए मुझे। चोद डालो अपनी बहू की बूर।। चोदो अपनी बेटी को पापा जी। आह्ह पापा जी।  

फिर पापा जी ने भी जोश में आकर धक्के और तेज़ कर दिए और इतनी जवान बूर, आआआअहह ऊऊऊऊओह ऐसा बढ़िया माल उसे मिला भी तो अपने ही घर में और उत्तेजना में उसने बहू के निप्पल को काट लिया तो बहू चिल्ला उठी आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् आआआहहहहहह ऊऊऊऊओह ईईईईईईी माँआआआआ…………।

बहू पूरी तरह से होश खो चुकी थी मदहोश हो होकर अपने ससुर की चुदाई का मज़ा ले रही थी। पूरा कमरा कामुक सिसकियों से गूँज रहा था। मुझे मार डाला आपने पापा जी आआअहह लंड बूर की गहराईयों में उतार दिया और पागलों की तरह चोदने लगा और बहू ससुर चुदाई के परम आनंद में डूब चुके थे ससुर का लौड़ा तेज़ी से अंदर बाहर हो रहा था और बहू की बूर की दीवारों ने उसको जकड़ रखा था। 

बहू ससुर का कमर पकड के जोर जोर हर झटके के साथ बूर मे दबाती, तभी बहू ने बिखरती साँसों के बीच कहा अह्ह्ह ह्ह्ह्ह मर गयी मैं। मेरे राजा जी चोदो मुझे और ज़ोर से मेरे राजा जी आज मेरी बूर तृप्त कर डालो। आज मुझे निहाल कर दो अपने मूसल लौड़ा के साथ मुझे चोद दो मेरे पापा जी।। मेरी बूर किसी भी वक्त पानी छोड़ सकती है।

फिर विनोद का भी समय नज़दीक ही पहुँच चुका था और वो बहू को जकड़ कर अपनी गांड आगे पीछे करते हुए चुदाई में लग गया और कमरे में फ़चा फ़च की आवाज़ें गूँज रहीं थी। उसने पूरे ज़ोर से धक्के मारते हुए कहा कि बहु मेरी रानी बेटी चुदवा ले मुझसे। अब ज़ोर लगा कर मेरा लौड़ा भी झड़ने के पास ही है। ले लो इसको अपनी बूर की गहराई में मेरा लौड़ा अब तेरी बूर में अपना पानी छोड़ने वाला है। 

मैंने कसकर पकड लिया बोला मेरी चूत मे डाल दो, मेरी रानी लो मैं झड़ा ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् आआआहहहहहह। लौड़ा तेरी बूर में पानी छोड़ रहा है। तेरी प्यारी बूर में में झड़ा आआह्ह्ह्ह और इसके साथ ही उसके लौड़ा ने और मोनिका की बूर ने एक साथ पानी छोड़ना शुरू कर दिया और दोनों निढाल होकर एक दूसरे से लिपट कर सो गये।

दोस्तों इस तरह ससुर और बहू की चुदाई की शुरुआत हुई।। जो कि आज तक भी जारी है।

कैसी लगी ससुर और बहू की चुदाई स्टोरी, आशा करता हू की मैं जल्द ही एक और बहूत ही हॉट चुदाई की कहानी लेके आने वाला हूँ.

 

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