चुदाई का पहला एक्सपीरियंस स्कूल में – School me chudai

School me chudai : नमस्कार दोस्तों , दसवीं के बाद मैंने स्कूल बदल लिया था, सब कहते थे कि दसवीं के बाद इसी कान्वेंट स्कूल में पढ़ना, यहाँ की पढ़ाई सारे स्कूलों से बेहतर है। मैं काफी अच्छे अंकों से पास हुआ था|

तो इस स्कूल में मुझे प्रवेश मिल गया। काफी बड़ा कैंपस था इसका… दो फ़ुटबॉल ग्राउंड और एक बड़ा सा इनडोर बास्केटबॉल एरिया था।मेरा स्कूल में पहला दिन था, धड़कनें बढ़ी हुई थी मेरी, तभी एक आवाज़ आई,बास्केटबॉल इधर लाना ज़रा !

मैंने जैसे ही पलट कर देखा तो सामने एक लड़की खड़ी थी, शायद मेरी सीनियर थी।छोटे से लाल और काले रंग की चेक वाले स्कर्ट में और सफ़ेद शर्ट जिसके ऊपर के दो बटन खुले हुए थे।

पसीने की वजह से उसके अन्तः वस्त्रों का रंग भी साफ़ पता चल रहा था, जो कि लाल था।मैं बॉल लेकर उसके पास गया।एक बार तो उसने मुझे ऊपर से नीचे तक घूर के देखा फिर पूछा मुझसे,नए हो यहाँ पे?

मैंने हाँ में सर हिला दिया।फिर से उसने मुझसे पूछा,बास्केटबॉल खेलते हो?मैंने उत्तर दिया,हाँ, मैं स्कूल लवेल राष्ट्रीय स्तर पे खेल चुका हूँ।पता नहीं क्यूँ पर मैं नज़रें नहीं मिला पा रहा था उससे।

नहीं… यह किसी शर्म या डर की वजह से नहीं था पर अगर मैं नज़रें मिलाता तो कहीं वो मेरे अन्दर के तूफ़ान को जो इस हुस्न परी के दीदार के वजह से उमड़ा था, उसे कहीं दिख न जाए।

मैं यह सोच ही रहा था कि फिर एक आवाज़ मेरे कानों में पड़ी,इतना ही अच्छा खेलते हो तो मुझे हरा के दिखाओ !मैंने कहा,हार के लड़कियाँ लाल हो जाती हैं और आप जैसी हैं मुझे वैसी ही अच्छी लग रही हैं, अब मैं आपको लाल-पीला नहीं करना चाहता…

फिर भी आप चाहती हैं तो मैं खेल लेता हूँ पर केवल आप नहीं आपकी पूरी टीम के साथ… मैं अकेला और आप पाँच ये कैसा रहेगा?उसने कहा,ओह! तो जनाब आप पाँच को हराना चाहते हैं?

मैंने कहा,नहीं मिस, मैं पांच को एक साथ संभाल सकता हूँ, यह दिखाना चाहता हूँ।फिर हम बास्केटबॉल कोर्ट पे आ गए।मैंने अपनी शर्ट उतार दी पर अन्दर मैंने इनरवियर पहना हुआ था|

क्योंकि पहले ही दिन मैं गंदे कपड़ों के साथ क्लास रूम में नहीं जाना चाहता था।वो पांचों लड़कियाँ भी अपनी टाई उतार कर और मेरे सामने आ गई।कसम से मैं तो इस वक़्त को तस्वीर में कैद कर लेना चाहता था।

वो पाँच सच में हुस्न की परियाँ ही थीं।मैंने गौर किया कि सभी मेरे एथलेटिक शरीर का बड़े प्यार से मुआयना कर रही थीं।मैंने टोकते हुए कहा,अगर देख लिया हो आप सबने, तो खेल शुरू किया जाये?

मैं और उनमें से एक बीच में आ गए और गेंद को हवा में उछाल दिया गया।वो जैसे ही उछली गेंद लेने के लिए मैं उसकी टांगों की ओर देखने लगा गया।जैसे जैसे स्कर्ट ऊपर होती जा रही थी, मेरे बर्दाश्त की सीमा पार हो रही थी।

मैं नीचे बैठ गया और तसल्ली से उन टांगों का दीदार करने लग गया।जैसे ही उसने मुझे ऐसा करते देखा, वैसे ही गेंद को छोड़ स्कर्ट पकड़ ली।मैंने फिर तेजी से गेंद को पकड़ा और अगले ही मिनट पॉइंट स्कोर कर लिया मैंने।

READ  Indian Sex Story:सालगिरह की अनोखी भेंट

वो सब चिल्लाने लग गई,नहीं यह चीटिंग है, तुमने चालाकी से जीता है इसे।मैंने कहा,जीत तो कैसे भी मिले, जीत ही है।मैं तो हारने को तैयार ही था, वो आपने गेंद को छोड़ दिया तो मैं क्या कर सकता हूँ।

फिर भी आप कहती हो तो एक और कोशिश कर लो आप!मैं अपनी साइड में आ गया।वो गेंद एक दूसरे को पास करती हुई मेरे करीब आ गई।अब क्या कहूँ यार… मैं किस गेंद को उछलता हुआ देखूँ, यह निर्णय ही नहीं कर पा रहा था।

जैसे ही उसे मेरी नज़रों का एहसास हुआ, उसका ध्यान अपने खुले हुए बटन पर चला गया और गेंद मेरे हाथ में आ गई।पहली पीछे रह गई, अब गेंद के साथ मैं दूसरी के करीब पहुँचा।

वो मुझसे गेंद छीनने की कोशिश करने लग गई और मैं गेंद अपने चारों तरफ घुमाने लग गया और वो मेरे करीब आती चली गई।अब तो उसकी साँसों की आवाज़ मैं सुन सकता था।

तभी मैं आगे बढ़ा और अपने होंठों को उसके होंठों के करीब.. एकदम करीब कर दिया।वो पीछे हट गई और मैं तीसरी के पास पहुँच गया।यह थोड़ी बोल्ड थी, मेरी हर हरकत नज़र अंदाज कर रही थी।

पर मैं भी कच्चा खिलाड़ी नहीं था, मैंने गेंद को उसकी दोनों टांगों के बीच से पास करने की कोशिश की और खुद हाथों को उसकी टांगों के बीच से आगे कर गेंद को फिर से पकड़ लिया।

यह वही थी जिसकी हसीं टांगों का दीदार तसल्ली से बैठ कर किया था मैंने!इस बार तो छू कर भी देख लिया मैंने !वो कुछ समझ पाती कि मैं आगे बढ़ गया।अब चौथी लड़की थी… बला की खूबसूरती थी इसमें! श्रुति हसन की कल्पना स्कूल ड्रेस में कर लो।

मैं तो चाह रहा था कि गेंद ले ले पर एक बार कस के बांहों में भर लूँ बस उसे।वो जैसे ही मेरे करीब आई, मैंने गेंद को वहीं उछलता छोड़ शाहरुख़ खान के अंदाज़ में अपनी दोनों बांहों को फैला उसकी ओर बढ़ने लगा।

वो अपनी आँखें बंद कर जोर से चिल्लाई,नहीं…अब जब लड़की न बोल रही है तो मैं गेंद लेकर आगे बढ़ गया।अब सबसे आखिर में एक लड़की खड़ी थी।यह उन सब लड़कियों में सबसे ज्यादा हॉट थी।

कमाल का फिगर था उसका और उस पर यह छोटी छोटी स्कूल ड्रेस तो जैसे कयामत ढा रही थी मुझपे।पर मैं अब लगभग जीत के करीब था और पॉइंट स्कोर के बहाने मजा लेना चाह रहा था।

पर जैसे ही मैं उसके करीब पहुँचा, उसने अपने शर्ट का एक बटन खोल दिया।अब मेरे पसीने छूटने लग गए।मैं जब उसके और करीब पहुँचा तो सोचा इस पर भी वही चुम्मे वाला ट्रिक अजमाता हूँ।

जैसे ही मैं अपने होठों को उसके होठों के करीब ले गया, वो आगे बढ़ी और उसने अपने होठों को मेरे होठों से लगा दिया।मैंने उसे कस के पकड़ लिया और उसके नाज़ुक होठों का रसपान करने लग गया।

READ  भाभी और उनकी बेटी की चुत का मजा

थोड़ी देर में आवाज़ आई,याहू !!! हम जीत गए!!पर अब तो मेरे सब्र का बाँध जैसे टूट ही गया था, मैं खुद को काबू ही नहीं कर पा रहा था, मेरे हाथ फिसलते हुए उसके सीने तक पहुँच गए।

मैं इतना अधीर हो चुका था कि एक ही झटके में उसकी शर्ट को फाड़ दिया।तभी एक आवाज़ पड़ी मेरे कानों में…अरे, यहीं पे सब कर लोगे क्या? अभी कोई आ गया तो सब गड़बड़ हो जाएगा! मेरे साथ चलो।’

वैसे भी शायद मेरे गेम ने उन्हें पहले से ही गरम कर दिया था।वो बाकी चारों मुझे पास के स्टोर रूम तक ले गई और दरवाज़े को अच्छे से बंद कर दिया उन्होंने।अभी भी मेरे हाथ में एक की फटी हुई शर्ट थी।

अब वो पांचों मेरे सामने खड़ी थी, ऐसा लग रहा था जैसे जन्नत की अप्सराओं से घिरा हूँ मैं।उनमें से एक मेरे पास आई और कहने लगी,जान, तुझे उस एक गेंद के साथ तो अच्छे से खेलना आता है पर देखती हूँ इन पाँच जोड़ी गेंदों के साथ तू क्या करेगा।

यह कहते हुए उसने अपनी शर्ट के बटन खोल दिये।अब मेरे सामने वो अमृत कलश झूल रहे थे… अब भला मैं कैसे रूक पाता।मैंने उन अमृत कलशों को कस के अपने मुख में लिया और उनका रस पीने लग गया।

अब मेरी उत्तेजना अपने चरम पर थी।तभी बाकी मेरे पास आईं।दो लड़कियां मेरी दाईं ओर और दो मेरी बाईं ओर से… मेरे इनरवियर को पकड़ लिया और जोर लगा कर फाड़ते हुए उसे मेरे बदन से अलग कर दिया उन्होंने।

उसकी वजह से उन नाखूनों के निशाँ बन आये थे मेरी पीठ पर।अब तो मैं भी पूरे जोश में आ चुका था।बारी बारी से सबके कपड़े फाड़ता हुआ सबको नंगी करने लग गया।दो तो जमीन पे बैठ गई और कहने लगी,देखो, मैं खुद उतार देती हूँ |

पर प्लीज इन्हें फाड़ो मत।पर मैं कहाँ सुनने वाला था, उनकी बाकी तीनों को इशारा किया मैंने और फिर हम सब मिल के उनके कपड़ों को उन जिस्मों से आज़ाद कर दिया मैंने।

अब बस मैं ही था उस कमरे में जिसके निचले वस्त्र बचे हुए थे।अब वो सब मुझे घेर चुकी थी, उन्होंने मेरे पैंट के चीथड़े कर दिए।अब हम सबके कपड़े उस स्टोर रूम के हर कोने में बिखरे हुए थे।

बस कुछ दिख रहा था तो नंगे जिस्म और अजीब सी मादकता थी उस माहौल में।एक मेरे पास आई और मुझे पीछे से कस के पकड़ लिया उसने… दो लड़कियों ने मेरे लिंग को मुख में भर के मोर्चा संभाल लिया था।

एक मेरे होठों को चूमने लग गई और एक मेरे नंगे जिस्म को चूमने लग गई।अब ज्यादा देर मैं खुद को रोक न पाया और छूटने लग गया, मेरे वीर्य के आखिरी कतरे को भी उन्होंने निचोड़ लिया।

मैं जब तक थोड़ा संयमित हो पाता, एकने उन चिथड़ों से एक बिस्तर सा बना दिया वहाँ पर…मैं लेट गया, उस पे दो लड़कियाँ मेरे अगल बगल लेट गईं और एक मेरे सिर को गोद में लेकर बैठ गई, बाकी दो मेरे लिंग |

READ  भाभी की रसीली चूत का दीवाना- Sexy Bhabhi Ki Chudai

मेरे जिस्म के सारे निचले हिस्से को चूमने लग गई। अब फिर से मेरा लिंग उफान पे था पर मैंने इस बार थोड़ा संयम बनाये रखा।मैंने अब आसन बदल लिया, मैं अपने घुटनों के बल खड़ा हो गया और तीन लड़कियों को घोड़ी वाले आसन में बिठा दिया।

कपड़ों के तीन टुकड़ों को तीनों के गले में फंसाया और उसे एक जगह कर के अपने गले से बाँध लिया।अब बीच वाली की योनि में मेरा लिंग और अगल बगल वाली की गाण्ड में मेरी दो उंगलियाँ अन्दर बाहर होने लग गई।

बाकी दो लड़कियों ने भी मेरा साथ दिया और अगल बगल वाली लड़कियों की योनि को अपने जीभ से कुरेदने लग गई।जब जब उनकी चीख थी कम होती मैं उनके गर्दन में फंसे कपड़ों को कसने लग जाता था।

अब तो ऐसा लग रहा था मानो हमारे साथ साथ यह कमरा भी चीख रहा हो। करीब पाँच मिनट बाद वो तीनों लड़कियाँ एक जोरदार चीख के साथ निढाल हो गई।मुझे पता था कि थोड़ी ही देर में फिर से चुदने को सब तैयार हो सकती हैं।

तो मैंने ज्यादा देर ना करते हुए बाकी दोनों लड़कियों को एक दूसरे के ऊपर लिटा दिया और नीचे वाली की योनि को अपने लिंग से भर दिया और ऊपर वाली के चूत और गांड में अपनी उंगलियाँ फंसा दी।

माहौल तो वैसे ही अपने चरम पे था सो इस बार इन दोनों के छूटने में ज्यादा देर नहीं हुई।अब वो पाँचों मेरे सामने निढाल पड़ी थी, मैंने दो दो लड़कियों के बाल पकड़ के उन्हें घुटनों के बल लिया |

बारी बारी से उनके मुंह में अपना लिंग अन्दर तक देने लग गया।एक बार फिर मैं चरम सुख को पा चुका था।मैं अब उसके पास गया जो मुझे शुरू में कह रही थी कि ‘क्या इन पांच जोड़ी गेंदों के साथ भी मैं खेल सकता हूँ या नहीं?’

मैंने उसके उरोजों को मसलते हुए पूछा,जान, आप मुझे इस गेम में कितने नंबर देंगी?उसका जवाब तो मुझे आज तक नहीं मिला पर पाठकों से निवेदन है कि मुझे जरूर बतायें वो मुझे इसमें कितने नम्बर देंगे।

अंत में हम सब उसी स्टोर रूम में पड़े हुए ट्रैक सूट पहन वापस आ गए।अगर कहानी पसंद आई हो तो अपने दोस्तो के साथ जरूर शेयर करें। हमारी वेबसाइट sexykahani.in आपके लिए ऐसी ही मजेदार चुदाई की कहानियां लाती रहेगी।

Related Posts

Report this post
Download a PDF Copy of this Story 

2 thoughts on “चुदाई का पहला एक्सपीरियंस स्कूल में – School me chudai”

Leave a Comment